नया साल, नया तजुर्बा, बढ़ती उमर,
घटती ज़िन्दगी, नसीब चंद पल, चलता सफ़र।
नए साल की बस इतनी है कहानी,
कॅलेंडर नया कील है पुरानी।
दस्तूर है जनाब आज की तारीख़ का,
नया साल आया है फुटते हुए पटाखों की आवाज़ में बताना।
नए साल की मुबारकबाद,
आसमान का इस तरह अपने अंदाज़ में बताना।
फिर नया साल, नयी सुबह, नयी उम्मीदें,
ए ख़ुदा खैर की ख़बरों के उजाले रखें।
खैर तेरा नया साल तो शुरू हुआ नहीं है ना 'आश्या',
उसने नए साल की मुबारकबाद तुझे दिया नहीं है ना।